दुनिया भर के मुसलमानों से अपील है कि वे ग़ज़ा के समर्थन में आगे आएं और अपनी आवाज़ बुलंद करें। ग़ज़ा, जो क़िबला-ए-अव्वल और पवित्र मुक़द्दसात की हिफ़ाज़त के लिए मज़बूत दीवार बना हुआ है, आज हमारी मदद का तलबगार है।
हम यमन के उन बहादुर मुस्लिम जवानों को सलाम करते हैं जिनके मिसाइल, ग़ज़ा के मिसाइलों से पहले ही इसराईल की ज़मीन पर पहुँच रहे हैं। ये बहादुर लोग ग़ज़ा की मदद के लिए भारी क़ीमत चुका रहे हैं और अपनी जानों की बाज़ी लगाकर दुश्मन की ताकत को चुनौती दे रहे हैं।
आज हर मुसलमान की ज़िम्मेदारी है कि वह इस नाइंसाफ़ी और ज़ुल्म के ख़िलाफ़ खड़ा हो। ग़ज़ा के समर्थन में एकजुट होकर हम दुनिया को दिखा सकते हैं कि मुस्लिम उम्मत एक शरीर की तरह है—जहां एक हिस्से को तकलीफ हो, पूरा शरीर बेचैन हो जाता है।
कताइब अल-क़स्साम के प्रवक्ता अबू उबैदा का ये ताज़ा बयान हम सबके लिए एक पैग़ाम है—हमारी एकता और भाईचारे का इम्तिहान है। आओ, ग़ज़ा के लिए दुआ करें, आवाज़ उठाएं और मदद के लिए हर संभव कोशिश करें।